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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) 2024 के तहत ड्रिप, स्प्रिंकलर और पाइपलाइन पर 90% तक की भारी सब्सिडी पाएं। जानें योजना के लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़ और ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) 2025: अब पानी की कमी नहीं बनेगी बाधा, सरकार दे रही है सिंचाई उपकरणों पर 90% तक की सब्सिडी!
नमस्कार किसान भाइयों!
क्या आप भी हर साल पानी की कमी, सिंचाई की बढ़ती लागत और घटते भू-जल स्तर से परेशान हैं? क्या आप चाहते हैं कि आपके हर खेत तक पानी पहुंचे और आप कम पानी में भी बंपर फसल उगा सकें? अगर आपका जवाब ‘हाँ’ है, तो केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) आपके लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
इस योजना का एक ही लक्ष्य है – “हर खेत को पानी”। 1 जुलाई 2015 को शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से सरकार किसानों को आधुनिक सिंचाई प्रणालियों जैसे ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर सेट खरीदने के लिए आर्थिक सहायता (सब्सिडी) प्रदान करती है, ताकि पानी की हर एक बूंद का सही इस्तेमाल हो सके।
इस लेख में हम आपको प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2024 के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी देंगे। हम जानेंगे:
- यह योजना क्या है और इसके उद्देश्य क्या हैं?
- कौन से किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
- किन-किन सिंचाई उपकरणों पर सब्सिडी मिलती है?
- आपको कितनी सब्सिडी मिल सकती है?
- आवेदन के लिए कौन-से दस्तावेज़ लगेंगे?
- ऑनलाइन आवेदन कहाँ और कैसे करना है?
तो चलिए, इस महत्वपूर्ण योजना को विस्तार से समझते हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) क्या है?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक राष्ट्रव्यापी योजना है जिसका मूल मंत्र “Per Drop, More Crop” यानी “पानी की हर बूंद से अधिक फसल” है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में सिंचाई के दायरे को बढ़ाना और जल उपयोग दक्षता में सुधार करना है। पारंपरिक सिंचाई विधियों (जैसे बाढ़ सिंचाई) में भारी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने और किसानों की लागत को कम करने के लिए, सरकार आधुनिक माइक्रो-इरिगेशन तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।
योजना के मुख्य उद्देश्य (Key Objectives)
इस योजना को धरातल पर उतारने के पीछे सरकार के कई स्पष्ट उद्देश्य हैं:
- खेत स्तर पर सिंचाई का विस्तार: यह सुनिश्चित करना कि देश के हर किसान के खेत तक सिंचाई के लिए पानी की पहुंच हो।
- कुशल जल उपयोग: पानी की बर्बादी को रोककर ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों के माध्यम से जल उपयोग की दक्षता (Water Use Efficiency) को बढ़ाना।
- लागत में कमी: सिंचाई में लगने वाले पानी, बिजली/डीजल और मजदूरी की लागत को कम करके खेती को अधिक लाभदायक बनाना।
- उत्पादकता में वृद्धि: सही समय पर और सही मात्रा में पानी मिलने से फसल की पैदावार में वृद्धि करना।
- किसानों की आय बढ़ाना: कम लागत और अधिक उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य में मदद करना।
- टिकाऊ जल संरक्षण: भू-जल के अत्यधिक दोहन को कम करना और जल संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देना।
योजना का लाभ कौन उठा सकता है? (पात्रता – Eligibility Criteria)
सरकार ने इस योजना का दायरा काफी व्यापक रखा है ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। योजना के लिए पात्र आवेदक निम्नलिखित हैं:
- व्यक्तिगत किसान:
- आवेदक भारत का स्थायी नागरिक होना चाहिए।
- किसान के पास स्वयं की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
- भूमि के सभी कानूनी दस्तावेज़ (जैसे जमाबंदी/खेत की नकल) किसान के नाम पर होने चाहिए।
- किसी भी वर्ग या जाति (सामान्य, SC, ST, OBC) का किसान आवेदन कर सकता है।
- किसान समूह और अन्य संस्थाएं:
- स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups)
- सहकारी समितियां (Cooperative Societies)
- किसानों के समूह (Farmer Producer Organizations – FPOs)
- इनकॉरपोरेटेड कंपनियां
- लीज पर खेती करने वाले किसान:
- यदि आपने किसी भूमि को कम से कम सात (7) वर्षों के लिए लीज (पट्टे) पर लिया है, तो आप भी इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं।
किन सिंचाई उपकरणों पर मिलेगी सब्सिडी?
इस योजना के तहत, आप निम्नलिखित सिंचाई उपकरणों और प्रणालियों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं:
- ड्रिप इरिगेशन सिस्टम (टपक सिंचाई): इसमें पानी को बूंद-बूंद करके सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है, जिससे 30-70% तक पानी की बचत होती है।
- स्प्रिंकलर इरिगेशन सिस्टम (फव्वारा सिंचाई): इसमें पानी को फव्वारे के रूप में छिड़का जाता है, जो बारिश की तरह काम करता है। यह रेतीली भूमि और असमान खेतों के लिए बहुत उपयोगी है।
- पाइपलाइन सेट: पानी को स्रोत (कुआं, ट्यूबवेल, तालाब) से खेत तक लाने के लिए HDPE/PVC पाइपलाइन।
- भूमिगत पाइपलाइन (Underground Pipeline): खेत के अंदर पानी के वितरण के लिए भूमिगत पाइपलाइन, जिससे रास्ते और जमीन की बचत होती है।
- पानी का पंप (Water Pump): इलेक्ट्रिक मोटर पंप या डीजल इंजन पंप की खरीद के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी? (Subsidy Amount)
यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल है! प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी की राशि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है।
- सब्सिडी का प्रतिशत: सामान्य तौर पर, छोटे और सीमांत किसानों को 55% तक और अन्य किसानों को 45% तक की सब्सिडी मिलती है। हालांकि, कुछ राज्य सरकारें अपनी तरफ से अतिरिक्त टॉप-अप सब्सिडी देती हैं, जिससे यह आंकड़ा 90% तक भी पहुंच जाता है।
- उदाहरण: बिहार में किसानों को 90% तक, जबकि मध्य प्रदेश में 55% तक सब्सिडी मिल सकती है।
- केंद्र और राज्य का हिस्सा: कुल सब्सिडी में केंद्र सरकार का हिस्सा 75% और राज्य सरकार का हिस्सा 25% होता है। (पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 है)।
महत्वपूर्ण सलाह: अपने राज्य में सब्सिडी का सटीक प्रतिशत जानने के लिए, अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या उद्यान विभाग कार्यालय में संपर्क करें।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
ऑनलाइन आवेदन करने से पहले, निम्नलिखित दस्तावेज़ों को स्कैन करके तैयार रखें:
- आधार कार्ड (Aadhaar Card): यह सबसे अनिवार्य दस्तावेज़ है।
- पहचान पत्र (Identity Proof): वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, या ड्राइविंग लाइसेंस।
- भूमि के कागज़ात: खेत की जमाबंदी या खतौनी (6 महीने से अधिक पुरानी न हो)।
- बैंक खाता पासबुक: पासबुक का पहला पेज जिसमें खाताधारक का नाम, IFSC कोड और खाता संख्या स्पष्ट हो।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो (Passport Size Photo):
- मोबाइल नंबर: आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड और बैंक खाते से लिंक होना अनिवार्य है, क्योंकि सभी सूचनाएं और OTP इसी पर आते हैं।
- जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate): यदि आप SC/ST श्रेणी के तहत अतिरिक्त लाभ लेना चाहते हैं।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? (Step-by-Step Application Process)
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। आप नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं:
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले, आपको अपने राज्य के कृषि विभाग या उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। केंद्र सरकार का मुख्य पोर्टल pmksy.gov.in है, लेकिन आवेदन आमतौर पर राज्य के पोर्टलों के माध्यम से स्वीकार किए जाते हैं। (उदाहरण के लिए, यूपी के लिए
upagriculture.com
, राजस्थान के लिएrajkisan.rajasthan.gov.in
आदि)। - पंजीकरण करें: पोर्टल पर ‘पंजीकरण’ या ‘नया आवेदन’ लिंक पर क्लिक करें।
- फॉर्म भरें: आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी, जैसे आपका नाम, पता, आधार नंबर, भूमि का विवरण आदि, सही-सही भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई कॉपियों को निर्धारित प्रारूप और आकार में अपलोड करें।
- सबमिट करें: फॉर्म को अंतिम रूप से जमा (Submit) करने से पहले सभी जानकारी को एक बार फिर से जांच लें।
- आवेदन संख्या सहेजें: फॉर्म जमा करने के बाद आपको एक आवेदन या पंजीकरण संख्या मिलेगी। इसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रख लें।
आवेदन के बाद, कृषि विभाग के अधिकारी आपके दस्तावेज़ों और खेत का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) करेंगे। सत्यापन सफल होने पर, आपकी सब्सिडी स्वीकृत हो जाएगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भारतीय किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल पानी बचाने में मदद करती है, बल्कि बिजली की लागत कम करती है, खरपतवार की समस्या को घटाती है और फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार करती है। यदि आप भी अपनी खेती को आधुनिक, किफायती और अधिक लाभदायक बनाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं।
आज ही अपने नज़दीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें, योजना की पूरी जानकारी लें और ऑनलाइन आवेदन करके “हर खेत को पानी” के इस मिशन का हिस्सा बनें