मध्य प्रदेश सरकार की कस्टम हायरिंग योजना में ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों पर 40% तक सब्सिडी, जानिए आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और महत्वपूर्ण तिथियाँ।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर आया है। यदि आप कृषि यंत्रों जैसे ट्रैक्टर, रोटोवेटर, कल्टीवेटर आदि की खरीद पर सब्सिडी पाने की सोच रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए है। साल में एक बार ही ऐसी योजना आती है जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा समर्थित कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom Hiring Center) स्थापित कर किसानों को ₹1 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी। इस लेख में हम विस्तार से मध्य प्रदेश की इस योजना के आवेदन, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, और लाभों की जानकारी प्रदान करेंगे।
मध्य प्रदेश कस्टम हायरिंग योजना क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत लगभग 1000 कस्टम हायरिंग केंद्र पूरे प्रदेश में खोले जाएंगे। यह केंद्र किसानों को कृषि यंत्रों तक आसान पहुँच और सब्सिडी के साथ खरीद की सुविधा प्रदान करेंगे।
कस्टम हायरिंग केंद्रों का उद्देश्य विशेष रूप से उन किसानों की मदद करना है, जो महंगे कृषि उपकरण खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। इस योजना के तहत किसान 40% सब्सिडी के साथ कृषि यंत्र खरीद सकते हैं।
कस्टम हायरिंग योजना के मुख्य उद्देश्य
- राज्य में कुल 1000 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करना।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और कृषि समूहों को विशेष प्राथमिकता देना।
- किसानों को सस्ती दरों पर आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराना।
- किसानों के उत्पादन और कृषि कार्य की गुणवत्ता बढ़ाना।
आवेदन प्रक्रिया और समय सीमा
- आवेदन करने की तिथि: 26 मई 2025 से 12 जून 2025 तक।
- लॉटरी प्रक्रिया: 13 जून 2025 को दोपहर 12 बजे।
- कागजात सत्यापन एवं बैंक ड्राफ्ट जमा करने की तिथि: 16-17 जून 2025 (सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक)।
आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा और आवेदकों को निर्धारित तिथियों के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा।
आवश्यक दस्तावेज
कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए आवेदन करते वक्त निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:
- आधार कार्ड
- 10वीं-12वीं की अंकसूची
- वोटर आईडी कार्ड
- भूमि ऋण पुस्तिका (खसरा)
- बैंक से बनवाया हुआ डिमांड ड्राफ्ट
- आवेदक के हस्ताक्षर
इन दस्तावेजों को सही तरीके से जमा करना आवेदन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
पात्रता मानदंड
- आवेदक किसान का न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक का उसी ग्राम का मतदाता होना आवश्यक है या उसके पास उस ग्राम में भूमि का स्वामित्व होना चाहिए।
- केवल एक ग्राम में एक कस्टम हायरिंग केंद्र ही स्थापित किया जाएगा। पुनः वही केंद्र स्वीकृत नहीं होगा।
- एक परिवार को एक से अधिक केंद्र पाने की पात्रता नहीं।
- ऋण लेने वाला बैंक और केंद्र के लिए आवेदन उसी जिले का होना आवश्यक है।
कौन-कौन से कृषि यंत्र सब्सिडी पर उपलब्ध होंगे?
सरकार द्वारा अनिवार्य और ऐच्छिक दोनों प्रकार के कृषि यंत्र इस योजना के तहत उपलब्ध कराए जाएंगे।
अनिवार्य कृषि यंत्र
- ट्रैक्टर
- रोटोवेटर
- कल्टीवेटर
- सीड कम फर्टिलाइजर मशीन
- मल्टी क्रॉप थ्रेशर
- रिवर्सेबल प्लाऊ
ऐच्छिक कृषि यंत्र
- रेजवेट प्लांटर
- जिलो टिलेजर
- सीड ड्रील
- गार्लिक प्लांटर
यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अनिवार्य कृषि यंत्रों को खरीदा जाए। ऐच्छिक यंत्रों को खरीदना वैकल्पिक है।
योजना के लाभ और सब्सिडी की जानकारी
- इस योजना के तहत हर किसान को कृषि यंत्रों की लागत का 40% (अधिकतम ₹1,00,000 तक) का क्रेडिट लिंक्ड बैंक अनुदान मिलेगा।
- यह अनुदान सीधे बैंक खाते में पहुंचेगा, जिससे आर्थिक बोझ कम होगा।
- किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का लाभ लेकर अपनी कृषि गतिविधियों को सरल एवं प्रभावी बना सकेंगे।
आवेदन करने का लाभ
- किसानों को महंगे कृषि उपकरणों की खरीद में वित्तीय सहायता।
- कस्टम हायरिंग केंद्र के माध्यम से खेती में डिजिटलीकरण और तकनीकी विकास।
- कृषि उपज में सुधार तथा उत्पादन बढ़ाने में मदद।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन।
आवेदन कैसे करें?
- आवेदन फार्म मध्य प्रदेश सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध होंगे।
- आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करें।
- बैंक से ऋण स्वीकृति लेकर साथ में डिमांड ड्राफ्ट बनवाएं।
- निर्धारित तिथियों के भीतर आवेदन जमा करें और लॉटरी प्रक्रिया की प्रतीक्षा करें।
महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखें
- जिन ग्रामों में पहले से कस्टम हायरिंग केंद्र हैं, वहां आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
- आवेदन करते समय बैंक शाखा और जिला स्पष्ट होना जरूरी है।
- एक परिवार या किसान समूह एक से अधिक केंद्र प्राप्त नहीं कर सकता।
- योजना की सभी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है अन्यथा आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
सारांश
मध्य प्रदेश की यह कस्टम हायरिंग केंद्र योजना किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है। ट्रैक्टर, कल्टीवेटर जैसे आवश्यक उपकरणों पर 40% तक की सब्सिडी देकर सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। योजना में आवेदन करने के लिए पात्रता, आवश्यक दस्तावेज और समय सीमा का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आप मध्य प्रदेश के किसान हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो समय रहते आवेदन करें।
अंत में
यदि आप कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो इस योजना को ध्यानपूर्वक समझकर आवश्यक दस्तावेज जुटाएं और ऑनलाइन आवेदन करें। मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने परिवार और साथियों को भी इस योजना की जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
यदि आपके कोई प्रश्न या संदेह हैं, तो कमेंट में पूछें ताकि आपको कृषि से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती रहें।
कृषि को अपनाएं, समृद्धि हासिल करें!